खबर बड़ी है

Success Story : हल्दीराम भुजिया वाले के पोते ने खड़ा कर दिया बीकाजी ब्रांड

Success Story : हल्दीराम भुजिया वाले के पोते ने खड़ा कर दिया बीकाजी ब्रांडSuccess Story : आज देश भर में हल्दीराम के ब्रांड को कौन नहीं जानता लेकिन एक ऐसा ब्रांड जिसे हल्दीराम के परिवार के सदस्य नहीं खड़ा कर दिया है और बहुत ही कम समय में पूरे देश भर में प्रसिद्ध हो गया है जिसका विज्ञापन अमिताभ बच्चन करते हैं ऐसे बीकाजी फूड्स के फाउंडर का नाम शिवरतन अग्रवाल है जो लेटेस्ट तकनीकी के माध्यम से कम समय में अपनी कंपनी की जो वैल्यूएशन है उसे 13000 पर लाकर खड़ा कर दिया है। लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते होंगे कि शिवरतन अग्रवाल कभी हल्दीराम के साथ कारोबार करते थे और उनका हल्दीराम भुजिया वालों के साथ में एक खास गहरा नाता है।

Success Story : हल्दीराम भुजिया वाले के पोते ने खड़ा कर दिया बीकाजी ब्रांड

एजुकेशन लाइफ पूरी करने के बाद शिवरतन अग्रवाल ने अपने परिवार के साथ में व्यापार में हाथ बढ़ाना शुरू किया और उन्होंने राजस्थान के बीकानेर में हल्दीराम को बड़ा अंपायर बनाने की ठान ली लेकिन उसने कामयाब तो नहीं हो पाए इसके बाद उन्होंने खुद एक ऐसा ब्रांड सामने लाने का मन बनाया जो उनकी पहचान बन सके।

मन में चल रही विचारों को उन्होंने धरातल पर लाने के लिए बीकानेरी भुजिया ब्रांड बनाने का नाम लिया। वैसे तो इस फील्ड में हल्दीराम एक बड़ा नाम पहले से था लेकिन खुद के घर के ब्रांड के साथ में उन्होंने कंपटीशन करने के ठान ली और 1980 के दशक में शिवरतन अग्रवाल ने बीकाजी ब्रांच को स्थापित करके अपने सुनहरे सपनों की नींव रख दी। देव सेव्ड 1993 में बीकाजी की एक बड़ी शुरुआत हुई उसे समय हल्दीराम इस फील्ड में एक बड़ा नाम था लेकिन शिवानंद अग्रवाल ने भी बीकानेर में पहले भुजिया फैक्ट्री स्थापित की और भूटान जैसे देशों से बड़ी-बड़ी टेक्नोलॉजी ला करके एक नई तकनीकी के माध्यम से काम करने का मन बना लिया।

लेटेस्ट टेक्नोलॉजी पर किया फोकस

वह एक ऐसा दौर था जिस समय फैक्ट्री को फाइनेंस नहीं मिल पाता था मजबूरन उन्हें तीन विदेशी समूह के साथ बिजनेस करना पड़ा और उन्होंने एडवांस मशीनों के माध्यम से बनी भुजिया को यूएई और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में निर्यात करना शुरू कर दिया देखते ही देखते व्यापार इतना बढ़ गया कि इंडियन बैंक ने बीकाजी को मनचाहा पैसा फाइनेंस कर दिया। आर्थिक संपन्नता आते-आते शिवरत्न अग्रवाल ने पार्टनरशिप के काम को खत्म करके अपनी कंपनी को पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदल दिया।

बीकाजी देखते ही देखते बन बड़ा ब्रांड

बढ़ती कारोबार को देखते हुए वर्ष 2006 में बीकाजी ने अन्य तीन ग्रुपों के साथ मिलकर के 2008 में मुंबई में बीकाजी फूड जंक्शन नाम का पहला स्टोर खोल। साथ ही इस समय बीकाजी कंपनी ने एक करोड रुपए की रेवेन्यू को हासिल करने का मन बनाया और इस विचार को बड़ी सफलता भी मिली। स्टोर के माध्यम से बीकाजी ब्रांड ने पापड़ नमकीन और पैक्ड मिठाइयां सेल करना शुरू किया बाद में सूचना अग्रवाल ने स्लाइड्स और बायोडिग्रेडेबल पूछ जैसी नई पैकेजिंग के बारे में एक नया कारोबार आगे बढ़ाया इसके बाद बीकाजी ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और देखते ही देखते देश की नाविक ग्रामीण कंपनियों में शामिल हो गई कंपनी की सैलरी लगातार बढ़ती गई और इसकी मार्केट कैप 7 दिसंबर 2030 को 13103 करोड रुपए तक पहुंच गई शिव रतन अग्रवाल ने कुछ ही दशकों में देश के नामीगिरामी  बिजनेसमैन की फेहरिस्त  में अपना नाम शामिल कर लिया

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button