कलेक्टर उमरिया ने चंद घण्टों में उतार दिया भूत वार्डन हुई निलंबित DPC की लापरवाही उजागर

मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा आदिवासी अंचलों सहित पूरे जिले में छात्र-छात्राओं की सर्वांगीण विकास के लिए स्कूल और छात्रावास की व्यवस्था की गई है ताकि आने वाली पीढ़ी सशक्त भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए पढ़ लिख सके।
लेकिन प्रदेश सरकार की मनसा में पानी फिरते हुए निचले स्तर के कर्मचारी भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए तरह-तरह के उपाय ढूंढते हैं।
उमरिया जिले के बेलसर में स्थित छात्रावास में छात्राओं को पीठ पर भोजन नहीं दिया जाता लेकिन जब बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी तो वार्डन ने दलील दे दी कि यहां भूत प्रेत का साया है। यहां तक की वार्डन खुद भी अपने आप को भूत प्रेत से ग्रसित बात करके दोपहर को ही बच्चियों को उनकी हालत में छोड़कर के घर भाग गई।
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पूरा मामला निचले स्तर से लेकर के डीपीसी तक पहुंच चुका था लेकिन जब तक कलेक्टर उमरिया ने संज्ञान नहीं लिया तब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि कोई पहला मामला नहीं है जिले में कहीं ऐसे छात्रावास है जहां इस तरह की समस्याएं व्याप्त हैं लेकिन छोटी-छोटी बच्चियों वार्डन के भाई से आवाज नहीं उठा पाती है।
बेलसर मामले में कलेक्टर उमरिया बुद्धेश्वर वैद्य ने टीम को मौके पर भेजो और मामले की तस्दीक के बाद में तत्काल प्रभाव से वर्णन को निलंबित कर दिया है।
कलेक्टर उमरिया ने अपने आदेश में लिखा है कि क्रमांक/ 828 /तीन-एक/स्था./2023 :: आज दिनांक 26.12.2023 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस बालिका
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छात्रावास बेलसरा विकासखण्ड करकेली जिला-उमरिया के निरीक्षण के दौरान छात्रावास संचालन की व्यवस्थाएं संतोषजनक नहीं पायी गयी। छात्रावास का रखरखाव तथा बच्चों के भोजन इत्यादि की व्यवस्थाएं संतुष्टिकारक नहीं थी। निरीक्षण के दौरान दर्ज 77 बालिकाओं में से मात्र 12 बालिकाएं छात्रावास में उपस्थित पाई गयीं। शेष बालिकाएं अपने अभिभावकों के साय घर चले जाना बताया गया। बालिकाओं के छात्रावास में रहने एवं उनके समुचित देख-रेख के संबंध में गंभीर लापरवाही किये जाने की परिस्थितियां परिलक्षित हुई है। बालिका छात्रावास की व्यवस्थाओं के संबंध में अपेक्षानुसार कार्य नहीं किये जाने से यह प्रतिकूल परिस्थिति निर्मित हुई है। बालिकाओं के स्वास्थ्य परिक्षण कराये जाने में लापरवाही किये जाने का तथ्य भी सामने आया है। छात्रावास में निवासरत बालिकाओं द्वारा सामूहिक रूप से उक्ताशय की शिकायत की गई है। राजस्व एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी / कर्मचारियों द्वारा मौका मुआयना किया जाकर प्रतिवेदित किया गया कि वार्डन लगभग 02:30 बजे चली गई। अतिसंवेदनशील परिस्थिति में लगातार श्रीमती केतकी सिंह धुर्वे अधीक्षिका नेताजी सुभाष चंद्र बोस बालिका छात्रावास बेलसरा से संपर्क किये जाने का प्रयास किया गया, किंतु उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया और न ही
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वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया। श्रीमती धुर्वे का उक्त कृत्य उनके पदीय कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही, स्वेच्छाचारिता व अनुशासनहीनता का परिचायक है, जो म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-3 के तहत कदाचरण की श्रेणी में आता है।
अतः म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-9 के तहत श्रीमती केतकी सिंह धुर्वे सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय चरगवां एवं अधीक्षिका नेताजी सुभाष चंद्र बोस बालिका छात्रावास बेलसरा जिला उमरिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय कार्यालय जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र जिला उमरिया नियत किया जाता है। निलंबन अवधि में इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।
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यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।