वन्य जीव सलीम एवं अनारकली की प्रेम कहानी

वन्य जीव सलीम एवं अनारकली की प्रेम कहानी
उमरिया – बाँधवगढ टाइगर रिसर्व में एक बार फिर सलीम अनारकली और मुगलेआजम का पटकथा
दोहराई जा रही है जिसमे सलीम अनारकली तो वन्य जीव हैं लेकिन मुगलेआजम की भूमिका
पार्क प्रबंधन निभा रहा है दरअसल बाँधवगढ में वर्ष 2018
से जंगली हाथियों ने अपना रहवास बना लिया है और टाइगर रिसर्व में पहले से नर मादा
मिलाकर 14 पालतू हाथी मौजूद हैं, जो
पार्क प्रबंधन के साथ वन एवं वन्य जीव सरंक्षण में कंधे से कंधा मिलाकर काम करते
हैं,जंगली हाथियों का बाँधवगढ़ के जंगलों में रहवास और
विचरण बीते चार सालों से है और इसी बीच रेस्क्यू और अन्य कार्यों को लेकर पालतू
हाथियों का भी आमना सामना होता रहा है पार्क प्रबंधन के मुताबिक जब जंगली और पालतू
हाथी आमने सामने होते हैं तो सामान्य व्यवहार होता है किसी तरह से भी दोनों के
व्यवहार में आकस्मिक परिवर्तन नही देखा गया लेकिन बीते माह भर से एक जंगली हाथी
जिसको पार्क प्रबंधन ने सलीम का नाम दिया है पार्क की सबसे मशहूर हथिनी अनारकली के
इश्क में डूबा हुआ है और गाहे-बगाहे पार्क प्रबंधन के द्वारा बनाये गए हाथी कैम्प
में पंहुच जाता है और अनारकली हथिनी को पीछे से धक्का मारते हुए जंगल की ओर धकेलते
हुए ले जाता है यह घटनाक्रम कई बार हो चुका है और पार्क प्रबंधन के अधिकारी
जानकारी मिलने के बाद अनारकली को ढूंढते हैं और फिर मशक्कत के बाद उसे वापस कैम्प
ले आते हैं,वन्य जीव विशेषज्ञों की माने तो यह एक
स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसमे एक ही प्रजाति के दो विपरीत जेंडरों के बीच आकर्षण
होता है ।
बाँधवगढ में जंगली हाथी पहली बार वर्ष 2018 में आये लेकिन इसके पूर्व बाँधवगढ़ में तत्तकालीन डायरेक्टर रहे मृदुल
पाठक के नेतृत्व में एमपी के अनुपपुर और सीधी आ चुके चार जंगली हाथियों का
रेस्क्यू कर बाँधवगढ़ लाया गया था और इन्हें लंबा प्रशिक्षण देकर पालतू बनाया गया
और सरंक्षण के कार्यों में आज भी इस्तेमाल किया जाता है इनमें सीधी के जगलो से लाई
गई काजल,श्याम,लक्षमण और अनुपपुर
के जंगलों से लाया गया रामा हाथी शामिल है,जानकारों का ये भी
दावा है कि वर्ष 2017-18 में बाँधवगढ टाइगर रिसर्व में चार जंगली
हाथियों को रेस्क्यू कर लाया गया और उसी के पीछे-पीछे जंगली हाथियों का दल अपने
समूह को खोजते हुए यहां आ पंहुचा,और यहां तक दावा
किया जाता है कि बाँधवगढ में जंगली हाथियों के रहवास बनाने के पीछे यही एक कारण है
कि तत्तकालीन समय में जंगली हाथियों के झुंड से उनके चार साथियों को जबरिया पकड़कर
बाँधवगढ लाया गया है,और उन्हीं के पीछे -पीछे बाँधवगढ पंहुच
गया है शुरुआती दौर में भी जंगली हाथियों के झुंड ने हाथी कैम्प में धावा बोल दिया
था जिसके बाद प्रबंधन ने कड़ी मशक्कत करते हुए आग और पटाखों के माध्यम से जंगली
हाथियों को भगाया था। बहरहाल बाँधवगढ़ को
जंगली हाथियों ने अपने रहवास के रूप के चुन लिया है और 60
जंगली हाथियों के दल में से एक सलीम अपनी प्रेयसी अनारकली हथिनी को प्राप्त करना
चाहता है,पार्क प्रबंधन के सामने अब अनारकली को सुरक्षित
बचाने के अलावा कोई रास्ता नही बचता है भले ही उसको मुगलेआजम की भूमिका निभानी पड़
रही हो,लेकिन अगर बाँधवगढ में जंगली हाथियों और पालतू
हाथियों के बीच मेल-मिलाप हो गया तो पार्क प्रबंधन के लिए यह एक बड़ी चुनौती साबित
होगी,और बाँधवगढ में सरंक्षण के कार्यों में और बड़ी
मशक्कत के सामना करना होगा।