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उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में मिले 2000 साल पुरानी आधुनिक सभ्यता के अवशेष और 1500 साल पुरानी रॉक पेंटिंग्स


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उमरिया जिला के बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में मिले 2000 साल पुरानी आधुनिक सभ्यता के अवशेष और 1500 साल पुरानी रॉक पेंटिंग्स
Photo by News umaria

उमरिया  । विश्व प्रसिद्ध  बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) में एएसआई की टीम के द्वारा सर्वे किया जा रहा है जहा सर्वे मे अब तक हुए सर्वे में यहां 11 गुफाएं, 2 स्तूप पाए गए हैं। वही इसके अलावा 1500 से 2000 साल पुराने समाज का भी पता चल रहा है . जहा टीम द्वारा सर्वे का कार्य जारी है।

बांधवगढ़ नेशनल पार्क बाघों के लिए तो जाना ही जाता रहा है। जिसके साथ ही यहां पुरातत्व के भी कई अवशेष हैं, जो अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं,वही जिनमें से कई खोज हो चुके हैं। जहा वहीं हर साल पुरातत्व विभाग सर्वे भी करता है और नए-नए खोज करते रहता है।

उमरिया जिला के बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में मिले 2000 साल पुरानी आधुनिक सभ्यता के अवशेष और 1500 साल पुरानी रॉक पेंटिंग्स

 जहा मौजूदा साल भी बांधवगढ़ नेशनल पार्क में इन दिनों पुरातत्वविद सर्वे कर रहे हैं। वही अलग-अलग समय पर नई नई खोज यहां से होती रही है। जहा पिछले साल भी एएसआई की टीम ने बांधवगढ़ में सर्वे किया था और मौजूदा साल भी 1 अप्रैल से सर्वे चालू है, जो 30 जून तक चलने की उम्मीद है। वही एएसआई की टीम कर रही सर्वे जहा मौजूदा साल के सर्वे में भी एएसआई को कई नई सफलता हाथ लगी है, और नई जानकारियां भी मिली है। जहा जिसमें बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 1500 साल पुरानी रॉक पेंटिंग और 1800 साल से 2000 साल पुराने मानव निर्मित जलस्रोत मिल चुकी हैं।

उमरिया जिला के बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में मिले 2000 साल पुरानी आधुनिक सभ्यता के अवशेष और 1500 साल पुरानी रॉक पेंटिंग्स

 जिसके कई अर्थ बताए जा रहे हैं और इसके कई मायने भी निकाले जा रहे हैं। यह कहा जा रहा है कि बांधवगढ़ नेशनल पार्क में ये 2000 साल पहले के समाज के अवशेष हैं।वही अब 2000 साल पहले समाज होने के मिले साक्ष्य मिले है। बांधवगढ़ नेशनल पार्क में इन दिनों भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की टीम सर्वे कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार एसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद शिवाकांत वाजपेयी ने बताया कि अभी सर्वे का कार्य जारी है। वही 1500 साल पुरानी एक रॉक पेंटिंग 2000 साल पुराने जलप्रपात और उस समय के समाज होने के सबूत भी मिले हैं।

उमरिया जिला के बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में मिले 2000 साल पुरानी आधुनिक सभ्यता के अवशेष और 1500 साल पुरानी रॉक पेंटिंग्स

 अब तक हुए सर्वे में अधीक्षण पुरातत्वविद शिवाकांत वाजपेयी ने बताया है कि जिस क्षेत्रको इन दिनों बांधवगढ़ के नाम से जाना जाता है। पहले यह कभी व्यापारियों का व्यापार मार्ग हुआ करता था। अब जो व्यापार मार्ग का सबसे अधिक संभावित हिस्सा था और इस रास्ते से गुजरने वाले व्यापारी यहां ठहरते भी थे।बांधवगढ़ में कई मानव निर्मित जल निकायों का होना इस बात का प्रमाण भी है कि यहां उस दौर के समाज के लोग भी रहा करते थे। यह जल निकाय ऊंचाई पर बने और बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए इनका उपयोग किया जाता था। यह लगभग 1800 से 2000 साल पुराने हो सकते हैं।

उमरिया जिला के बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में मिले 2000 साल पुरानी आधुनिक सभ्यता के अवशेष और 1500 साल पुरानी रॉक पेंटिंग्स

बांधवगढ़ नेशनल पार्क में पहले से ही कई अद्भुत गुफाएं भी हैं। जहा जिन पर पुरातत्व विभाग सर्वे भी कर रहा है, जिसमें रॉक आर्ट के बारे में अनोखी बात यह सामने आई है कि एक तवबा-बनज गुफा भी मिली है। हालांकि ऐसा पहली बार है जब इस क्षेत्र में रॉक पेंटिंग मिली है, ये ऐतिहासिक पेंटिंग नहीं है बल्कि लगभग 200 साल पुरानी हो सकती है अभी भी अध्ययन अब किया जा रहा है।जहा इसमें एक जानवर भी दिख रहा है, जिसके बारे में लगातार रिसर्च किया जा रहा है। वही अधीक्षण पुरातत्व विदशिवाकांत वाजपेयी ने बताया की बांधवगढ़ के ताला रेंज में सर्वे के दौरान दूसरे चरण के दौरान चट्टानों को काटकर बनाई गई 11 गुफाएं अब तक सामने आई हैं, दो स्तूप भी मिले हैं, जिन पर रिसर्च चलता हुआ दिखाई दे रहा है।

उमरिया जिला के बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में मिले 2000 साल पुरानी आधुनिक सभ्यता के अवशेष और 1500 साल पुरानी रॉक पेंटिंग्स

गौरतलब है कि पिछले साल भी एएसआई की टीम ने 20 मई से 27 जून के बीच इसी रेंज में सर्वे किया था और कई प्राचीन अद्भुत रहस्यों से पर्दा उठाया था। वही मौजूदा सभी एएसआई की टीम वहां रिसर्च कर रही है और लगातार जानकारियां जुटा रही है। अभी अब 30 जून तक एएसआई की टीम का सर्वे बांधवगढ़ के ताला रेंज में चलेगा। जहा अब बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व वैसे तो बाघों की दहाड़ के लिए जाना जाता है।वही अगर किसी को बाघ का दीदार करना है तो वह बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व ही आता है, हालांकि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में कई ऐसे पुरातत्व के अवशेष भी पाए जाते हैं और कई ऐसी पुरातात्विक चीजें पाई जाती हैं। 

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Aditya Vishwakarma

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