Mehbooba mufti on Article 370 : मोदी सरकार के द्वारा 370 पर उठाए कदम के बाद जम्मू कश्मीर के नेताओं को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार था लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तरह-तरह के बयान बाजी शुरू हो गई है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख मोहम्मद बा महबूबा मुक्ति ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अल्लाह का निर्णय नहीं है उन्होंने जम्मू कश्मीर के लोगों को को कहा है कि अभी उम्मीद न छोड़े।
देश की एक न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि हमें अभी संघर्ष जाए रखकर हिम्मत नहीं हरनी है सुप्रीम कोर्ट कोई भगवान तो नहीं है इसके पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संविधान सभा की सिफारिश के बिना अनुच्छेद 370 में कोई भी संशोधन नहीं किया जा सकता है वह भी एक न्यायाधीश थे और आज भी कुछ न्यायाधीश है जिन्होंने यह फैसला सुनाया है हम इन्हें भगवान का फैसला तो नहीं मान सकते।
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने का विरोध करने वाले लोग किया जाए कि हम हर मन कर बैठ जाएं पीडीपी प्रमुख ने आगे कहा कि हम आखरी सांस तक इस जंग को जारी रखेंगे हमने इस विशेष दर्जे के लिए बहुत बलिदान दिया है उसे हम यूं ही व्यर्थ नहीं जाने देंगे।
अनुच्छेद 370 का अन्वेषीकरण सुप्रीम कोर्ट ने रखा है बरकरार
जम्मू कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद 370 को चुनौती देने वाले कल 22 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर को अपना फैसला सुनाया था जिसमें जस्टिस डी य चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की बेंच ने अनुच्छेद 370 के मामले में अपना फैसला में निरस्तीकरण को बरकरार रखा है वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि अनुच्छेद 370 एक अस्थाई प्रावधान था और उसे राष्ट्रपति के पास उसे रद्द करने की शक्ति है।
लेकिन इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह भी निर्देश दिए हैं कि जम्मू कश्मीर कपूर राज का दर्जा जल दिया जाना चाहिए साथ ही 30 सितंबर 2024 तक जम्मू कश्मीर में चुनाव भी हो जाने चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर कांग्रेस का बड़ा बयान आया सामने
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने की फसलों को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय दिया था वहीं प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से कांग्रेस नेता अभिषेक मनोज सिंह जी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय पर अब हम कोई पुनर्विचार नहीं करेंगे इसके साथ ही कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता पूर्व वित्त मंत्री पीस दमदम ने सुप्रीम कोर्ट की इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि उन्हें कभी भी अनुच्छेद 370 की फिर से बहाली की बात नहीं की है और हटाने के तरीके का विरोध भी उन्होंने किया है।