मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण करने के लिए स्कूलों में दी जाती हैं। मुरैना जिले में शिक्षा विभाग पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है ताजा मामला शासकीय प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मी नारायण का पुरा मजरा मटियापुरा पोरसा का है। प्रधानाध्यापक ने ₹2200 में एक क्विंयल के हिसाब से 55 किलो छात्रों की सरकारी किताबों को कबाड़े पर बेच दिया.
जानकारी के अनुसार बता दे शासकीय प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मी नारायणपुर के प्रधानाध्यापक शिव नारायण शर्मा ने अपने पड़ोसी मुकुट सिंह कबाड़ी वाले को बच्चों के लिए निशुल्क बटने आई किताबों को महज 2200 रुपए में भेच दिया, जब मुकुट सिंह कबाडे वाले के यहां सरकारी किताबें बाहर रखी देखकर शिक्षा विभाग को फोन लगाया। शिक्षा विभाग के BEO और सीएसी सहित पुस्तक प्रभारी भी मौके पर पहुंचे और कबडे से किताबें जप्त की, जप्त किताबों का वजन कराया तो एक क्विंटल 55 किलो हुआ। सरकारी किताबें कबाड़े पर बेची गई, सरकारी योजनाओं को किस तरीके से पलीता लगाया जाता है आप इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है.