महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये जरूरी है कानून की जानकारी

 

महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये जरूरी है कानून की जानकारी


उमरिया 5 मार्च – राष्ट्रीय विधिक सेवा
प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के तत्वाधान में एवं प्रधान जिला
न्यायाधीष उमरिया  सनत कुमार कष्यप के
निर्देषन में महिलाओं का विधिक जागरूकता एवं सषक्तिकरण षिविर का आयोजन ग्राम
सेमरिया में किया गया। कार्यक्रम मंे संगीता पटेल
, सचिव
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उमरिया
, 
बी0डी0 दीक्षित, जिला
विधिक सहायता अधिकारी उमरिया
, रिसोर्स पर्सन शैली
सिंह अधिवक्ता
, अर्चना भट्ट, पुष्पेन्द्र
गर्ग
, सरपंच क्षिप्रा गर्ग, एवं
ग्राम सेमरिया के ग्रामीणजन उपस्थित रहे। संगीता पटेल
, सचिव
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उमरिया ने घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम
, 2005, एसिड हमला, लैंगिक
उत्पीड़न
, दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961, महिलाओं के स्वास्थय अधिकार आदि के बारे में उक्त कार्यक्रम में उपस्थित
समस्त महिलाओं को बताया गया। शैली सिंह अधिवक्ता ने मौलिक अधिकार
, विवाह एवं तलाक, भरण-पोषण, जूडिषियल पृथक्करण, महिलाओं को उनकी
संपत्ति पर अधिकार
, किडनेपिंग बलात्संग, घरेलू हिंसा के बारे में ग्रामीण जनों को बताया।   

अर्चना भट्ट अधिवक्ता ने महिलाओं का
कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न निवारण
, प्रतिषेध और
प्रतितोष अधिनियम
, 2013, महिला
बंदियों के अधिकार
, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006, रख रखाव तथा कल्याण अधिनियम, 2007 के बारे में बताया। पुष्पेन्द्र गर्ग अधिवक्ता ने महिला बंदियों के
अधिकार गर्भ का चिकित्सकीय समापन अधिनियम
, 1971, संवैधानिक उपचार, नीति निर्देषक तत्व
आदि के बारे में बताया। बी0डी0 दीक्षित जिला विधिक सहायता अधिकारी उमरिया ने
भारतीय दण्ड संहिता
, 1860,  लैंगिक उत्पीड़न
धारा-354 ए
, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण
अधिनियम
, विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 राष्ट्रीय महिला आयोग के बारे में विस्तार से समझाया।  कार्यक्रम में लगभग 175 ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का आभार श्री पुष्पेन्द्र गर्ग अधिवक्ता ने व्यक्त किया।

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