बांधवगढ़ नेशनल पार्क (Bandhavgarh National Park) देश का एक विश्वप्रसिद्ध
राष्ट्रीय उद्यान है, जो बाघों की घनी आबादी के लिए पूरे विश्वभर के
वन्यजीव प्रेमियों के बीच प्रसिद्ध है। बांधवगढ़ में बंगाल
टाईगर की सबसे अधिक सघनता पाई जाती है। बांधवगढ़ में
वनस्पतियों और जीवों की समृद्ध विविधता है जो की पूरे विश्वभर के वन्यजीव-प्रेमियों
को मध्य प्रदेश में इस राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा करने के लिए आकर्षित करती है। घास
के मैदानों में चरने वाले चिंकारा से लेकर नीलगाय और बाइसन तक, बांधवगढ़
में जानवरों की एक विशाल श्रृंखला है। वही बांधवगढ़ में बाघों के अलावा वन्यजीवों
की 22 और पक्षियों की 250 प्रजातियाँ पाई जाती हैं. पशुओं की इन्ही प्रजाति में एक
हैं वाइल्ड डॉग जिसे ढोल भी कहते हैं.
बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व के ताला कोर जोन (Core Zone)में वन्यजीवों(Wild animals) के दर्शन करने पहुचे पर्यटकों(Tourists) को एक साथ तकरीबन आधा दर्जन वाइल्ड
डॉग्स एक साथ दिखाई दिए,इस मामले में सीनियर गाइड मुकेश बर्मन का कहना है की वाइल्ड
डॉग (Wild Dogs) को व्हिसलिंग
डॉग (Whistling Dogs) के
नाम से भी जाना जाता हैं ये भौंक नही सकते,ये संवाद करने के लिए सीटी जैसी ध्वनि
का उपयोग करते हैं,ताला कोर जोन में एक अरसे के बाद ये दिखाई दिए हैं. कोर जोन में
टाइगर और लेपर्ड्स की उपस्थिति के कारण वाइल्ड डॉग्स बफर जोन का रुख कर लिए हैं,
यही कारण हैं की वाइल्ड डॉग्स साइटिंग (Sighting) का
हिस्सा नही बन पाते.