एक गांव ऐसा है जहां पर प्रचलित अंधविश्वास के चलते कोई भी
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता यहां काम नहीं करना चाहती है.. मामला कटनी (Katni)जिले के ढीमरखेड़ा
मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर जंगलों के बीच स्थित आदिवासी बाहुल्य ग्राम
कोकोडबरा का हैं. स्थानीय बाशिंदों के
मुताबिक यहां पर पिछले कुछ सालों में 3 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की असामयिक मृत्यु हो गई और इसी
बात से लोगों के बीच अंधविश्वास का माहौल बन गया ..अब हालत यह है कि पिछले 5 सालों से गांव में
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ही नहीं है और दूसरे गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को यहां
का प्रभार सौंप दिया गया है, लेकिन प्रभारी कार्यकर्ता भी दहशत के माहौल में है.. ऐसे
में इस गांव में महिलाओं और बच्चों के लिए संचालित योजनाओं का सही लाभ नहीं मिल पा
रहा है.. प्रशासन भी इस बारे में जानते हुए भी कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है..
सुधा सिंह प्रभारी आगनबाडी कार्यकर्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि मेरे पास 5
वर्षों से इस आगंवादी का अतिरिक्त प्रभार
है,ओमती की मृत्यु 30 अप्रैल 2018 में हो गई थी इसके पहले तीन की मौत हो चुकी है,
ओमती की मौत के पहले,किरण,अंजो ,ममता की मौत हो चुकी है.
हालाँकि इसे जागरूकता का आभाव कहे या प्रशासनिक सुस्ती बीते
5 वर्ष से अतिरिक्त प्रभार में चल रही आगनवाड़ी क्षेत्र के बच्चों का भविष्य अधर
में है जिला प्रशासन की पहल के इन्तेजार में ग्रामवासी हैं.
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